मंगलवार, 15 जनवरी 2019

मेरा दोस्त....





चल रही थी मै अकेली जीवन की राह में 
खुद में ब्यस्त, खुद में तन्हा 
तभी आहट हुई किसी के कदमो की 
देखा तो कोई दस्तक दे रहा था...  
आया वो अचानक से मेरे जीवन में 
बन कर मेरा दोस्त मेरा हमराही 
कल तक था जो खुद से अनजाना 
आज वो मेरा जाना- पहचाना हो गया 
कभी लड़ता है कभी रूठता है 
कभी बेतुकी बाते करता है... 
पर रहता है हरदम मस्त 
दुनिया से बेपरवाह
थोड़ा पागल है थोड़ा मस्ताना 
पर जैसा भी है, है बड़ा प्यारा 
है वो सबसे अच्छा, दिल का सच्च्चा
अक्सर वो मझको सताया करता है 
हो जाऊ अगर मैं दुखी मुझको 
हसाया करता है,  
एक प्यारा सा रिश्ता है मेरा उससे 
जो हर पल साथ रहता है 
मेरी खुशियों की डगर 
मेरी राहो का हमसफ़र 
साथी है वो मेरा जान से प्यारा 
दिल उसपे ही मरता है 
मुझसे ज़्यादा उसने मुझको जाना 
मेरी आंसूँओं को जिसने है थामा 
बनकर वो उजाला मेरी 
राहो को रोशन करता है 



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