मंगलवार, 14 जनवरी 2020

मालूम नहीं ....










खुदा से मांगा है तुझको 
मालूम नहीं  तुम मुझे मिलोगे की नहीं
करती हूँ  तुम्हारी परवाह हर वक्त 
मालूम नहीं  मुझे हक़ है की नहीं है 
मेरी आरजू तुम्हारे  साथ जीने की 
मालूम नहीं  तेरा साथ नसीब में है की नहीं 
दिल करता है याद तुझे हर वक्त 
मालूम नहीं तुझे भी मेरी याद आती है की नहीं 
हर सांस तेरे लिए ही चलती है मेरी 
 मालूम नहीं तेरा दिल भी धड़कता है की नहीं 
रात गुजर जाती है तेरे ही ख्वाबो में 
मालूम नहीं तेरे ख्वाब में मैं हूँ  की नहीं
रहते हो दिल के करीब महकते हो मेरी साँसों में 
मालूम नहीं मेरी भी खुशबू तुम्हे आती है की नहीं
ढूंढती है मेरी नजरे तुमको हर वक्त 
मालूम नहीं की तुम्हे भी मेरा इंतज़ार है की नहीं 

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