मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

जिंदगानी....


 तुम मेरा अस्तित्व तुमसे ही मेरा अस्तित्व

तुम मेरा जीवन तुम ही मेरा जीवन  

तुमसे ही जीवन सार्थक तुम बिन निरर्थक

तुम ही शुरुआत  तुम ही अंत

तुम बिन  क्या  मैं तुम बिन क्या जीवन

तुम ही आधार तुम बिन निराधार

तुम शब्द  हो तुम ही अर्थ

तुम ही ख्याल तुम् ही ख़्वाब

तुम चाहत तुम ख़्वाहिश

तुम ही हार तुम ही जीत

तुम प्यार तुम ही मीत

तुम धुन तुम ही गीत

प्यार तुम्हारा जीवन का  संगीत

तुम तक हो सारी  कहानी

बस इतनी ही हो जिंदगानी

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