बुधवार, 7 अक्तूबर 2015

मेरी माँ ..........





मेरी माँ .......... एक ऐसी शक्सीयत जिनकी बारे मे जितनी भी बाते करो कम है | हर माँ कि एक अलग ही छवि होती है | मै  भी एक माँ हू .....  मेरे
 बेटे के लिए मै अलग हू |  ऐसे ही हर माँ कि  अपने आप मे एक  मिसाल होती है |
मेरी माँ दूसरों से थोड़ा सा अलग थी | वो हमेशा जो भी करती दिल से 

करती थी ,उनको कभी किसी से कोई  शिकायत नहीं थी |उनको किसी 
चीज का लालच नहीं था वो सदा परिवार के लिए जीती थी | वो जब भी 

हसती थी दिल से हसती और जब कभी दुखी होती तो पल भर के अंदर उनका गुस्सा गायब हो जाता | वो ज्यादा देर किसी से नाराज रह नहीं 
पाती थी और ना  ही उनसे कोई नाराज रह पाता था वो तुरंत  सबको अपने प्यार से मना  लेती थी | वो सबके लिए  एक उदाहरण थी | सब उनको बहुत इज्जत और सम्मान देते  थे |

हम चार भाई -बहन है ,सबको उन्होने अच्छे  संस्कार दिया |प्यार दिया , अच्छी शिक्षा दी | हमे इस काबिल बनाया कि हम अपने जीवन मे हमेशा खुश और सुखी  रह सके |  

एक सम्पूर्ण महिला थी वो....  हर काम मे एक्सपर्ट ,खाना बनाना तो उनका शौक था | वो भी जल्दी और स्वादिस्ट | अगर कोई अचानक आ जाता , समय चाहे दोपहर के खाने का हो या रात के खाने का उनका खाना आधे घंटे के अंदर तैयार हो जाता |

मैंने उनकी ही पाक कला को उनकी धरोहर समझ कर अपना लिया है ... क्यो कि जब - जब मै  कोई डिश बनाऊँगी तब -तब मेरी माँ मेरे साथ होंगी |

आज वो हमारे बीच नहीं है पर हमारे साथ उनके दिये हुए संस्कार और शिक्षा हमारे साथ है | हमारे साथ  उनकी 
सुनहरी यादे है |

आज मै जब भी दुखी होती हु मुझे सिर्फ मेरी माँ कि याद आती है ,कभी -कभी  लगता है ... काश ! हमारे पास

कोई जादू कि छड़ी होती और उसकी सहायता से हम अपने उन प्रिय लोगो को अपने पास बुला लेते जो हमसे  दूर चले गए है |

बस मै यही   प्रार्थना करती हु कि  भगवान उनकी आत्मा को  शांति दे | वो जहा कही  भी हो हम सब को अपना आशिर्बाद देती  रहे |

क्योकि माँ ........... हम  सब को आपके आशिर्बाद कि बहुत जरूरत है , हम सब आपको बहुत याद करते है |

और  मै अगले जनम मे भी  यही चाहूंगी  कि मेरी यही माँ फिर से मुझे माँ बन कर  मिले |


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