सोमवार, 16 नवंबर 2015

मै दीपक ......तुम बाती |

16 नव ॰ 2015, आज मेरी शादी को दस साल हो गए | आज मेरी शादी की दसवी साल गिरह है | मै भगवान  से यही प्रार्थना करती हू , की जैसे ये दस साल खुशी -खुशी बीत गए वैसे ही आगे भी हमारी लाइफ ऐसे ही बीत जाए  हम आगे भी ऐसे खुश और साथ -साथ रहे | हमारा रिश्ता ऐसे ही महकता रहे | 
आज मेरे हसबेंड ने मेरे लिए चंद  लाइन  लिखी और मुझे गिफ्ट किया .... तो मैंने सोचा की आप लोगो के साथ शेयर करू  ........| 

मै दीपक हूँ, तुम हो बाती। एक दशक से जलते संग संग.....
मै हूँ सीप तो तुम हो स्वाति....

जो मेरा है, सब कुछ तेरा। कैसी अकड़न, तेरा – मेरा
मै शरीर हूँ, तुम मुझमे हो, सांस तुम्ही हो, हृदय मेरा
नहीं रखो कुछ मन मे अपने,
बातें तो है आती, जाती.....
मै दीपक हूँ, तुम हो बाती....

विश्वास करो, और अपना समझो। छोड़ो सब कुछ करो समर्पित
ईश्वर सच है, वही विधाता, सारा दुख सुख कर दो अर्पित
धूल धूसरित शिशु को भी क्या माता बढ़ कर नहीं अपनाती--?

मै दीपक हूँ, तुम हो बाती......

                               निर्भय "देवव्रत "






जानम हम तुमपे मरते है ......



जानम हम तुमपे मरते है .......|
कितना प्यार छुपा रखा है सिने मे ,
कितनी मस्ती दिखती है तेरे संग मे ,
मेरी आंखे तो अब तेरी नैनो की मदिरा पीते है ...
जानम हम तुमपे मरते है ....|

छोटी -छोटी बाते अक्सर क्या -क्या रंग दिखा  देती है ,
कसमें ,वादे पल मे टूटे ,कितने आँसू भर देती है ,
नीदे  कहा उड़ जाती है , बस हम तो तारे गिनते है .....
जानम हम तुमपे मरते है ....|

देखो ,सोचो नए साल मे ,हम डूबंगे प्यार मे ,
फिर से संग -संग जिएंगे खुशियो के संसार मे ,
कसम  तुम्हारी यकीन कर लो ,हर सांस तुम्ही से भरते है ....
जानम हम तुमपे मरते है ....|



                                 निर्भय "देवव्रत "

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