बुधवार, 9 अगस्त 2017

तन्हा है वक्त मेरा .....






कितनी खामोश है ज़िंदगी मेरी, कितना तन्हा है

वक्त मेरा ...

कितने उदास है लब मेरे, कितनी उदास है आंखे मेरी !

कभी तो महसूस करो मेरी खामोशियो को,

कभी तो महसूस करो मेरी तन्हाइयों को,

कभी तो महसूस करो मेरी मुस्कुराहट

के पीछे छिपी उदासियों को........  

तुमसे दूर होने का एहसास जब भी होता है,

तेरे साथ गुजारा हर लम्हा याद आता है

तुम दूर होकर भी कितने पास हो.....

कोशिश कर लूँ मै कितना भी तुम्हें भूल जाने की

तुम हर पल और भी करीब आ जाते हो....

अपने होने का एहसास कर जाते हो, 

तुम ना सही तुम्हारे प्यार का एहसास ही काफी है,

जिंदगी जीने के लिए........!    

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