गुरुवार, 19 अप्रैल 2018

कुछ लम्हें






जीवन के कुछ लम्हें  जिन्हे मै रोक सकी


कुछ ऐसे रिश्ते जिन्हे अपना बना सकी....

ये बीते  हुए लम्हे मुझे अक्सर याद जाते है 

तन्हाइयो में मुझे  रुला के जाते है .....

तेरे साथ बिताया  हुआ हर लम्हा याद आता है,
  
वो तेरी बातें, वो मुलाकाते  .....  

जब भी आते है मरे जहन में .....,

धड़कने थम जाती है .......

 और दिल सोचता हैं ......काश ....

रोक लेती मैं  उन  लम्हो को,

जिन लम्हो में तुम थे  मेरे साथ......

आँखे रोती है, दिल तड़पता  हैं ,

और रो पड़ती है मेरी तन्हाईया भी...

मैं वही ठहर  जाती हूँ। ....और 

खो जाती हूँ बीतें  हुए उन लम्हों के साथ ...

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