तुम
ना सही सिर्फ
तेरा एहसास ही सही...
मुझे तो तेरी एहसासों से
भी मोहब्बत है ....
उस एहसास मे बसे हुये......
तेरी उन यादो
से भी मोहब्बत है,
जिन लम्हो मे तुमने मुझे याद किया....
मुझे उन लम्हो से भी मोहब्बत है,
जिनमे थी सिर्फ तेरी और मेरी बाते....
मुझे उन अल्फ़ाजों से भी मुहब्बत है,
जो खुशबू थी तेरी मोहब्बत मे.....
मुझे उन जज़बातो से भी मोहब्बत है,
तुम अक्सर आकर मिलते हो मेरे ख्वाबो मे ...
मुझे उन ख्वाबो से भी मोहब्बत है,
तुमसे मिलना तो मुमकिन नहीं मेरे हमदम,
सिर्फ एक इंतजार है तेरे आने की ...इसीलिए
मुझे तेरे इंतजार से भी मोहब्बत है ....
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