सोमवार, 18 नवंबर 2019

प्रकाश का पर्व





ये प्रकाश का पर्व है 
चलो करे इसका स्वागत 
चलो फिर  से दिए जलाये 
अन्धकार को दूर भगाये  
मिल कर दिवाली मनाये 

साफ करे अपने  अंतर्मन को 
क्रोध लालच भय को छोड़कर 
स्वार्थ को अपने जलाये 
फिर मिलकर दिवाली मनाये 

परहित पर  अपना जीवन करदे अर्पित 
 करके सब कुछ समर्पित 
सब पर अपना स्नेह लुटाये 
चलो दिवाली मनाये 

हर तरफ  रोशनी फैलाये 
रह जाये कोई घर अँधेरे में डूबा 
एक दिया वह भी रख कर आये 
चलो मिलकर दिवाली मनाये 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें