शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

मेरा आईना




कहते है आईना कभी झूठ नहीं बोलता 

ये सच है मेरा भी  आईना मुझसे 

कुछ कहता है..... 

आईना  में  देखकर मैं मुस्कुराती हूँ 

लेकिन... वो कुछ सच बोलना चाहता है 

वो कहता है  मैं वो नहीं  हूँ 

जो दिखती हूँ आईने में 

वो मुझे घूरता है 

वो मुझे  सोचता है 

 क्या मैं भी सत्य से भाग रही  हूँ 

क्या खुद को पहचान रही हूँ

जो आईने की बात नहीं समझती 

या मैं  समझना नहीं चाहती 

मैं तो शायद जीना चाहती हूँ 

एक झूठ के परत लेकर

एक खोखली सी उम्मीद लेकर 

मगर क्या ऐसा होगा की क्या

मैं सत्य से परे होकर  जी पाऊँगी 

क्या मैं जी पाऊँगी कुछ  झूठी उमीदो पर  

सपनो को खोकर, अरमानो को छोड़कर 

शायद नहीं .... और यही सच है जीवन का 

जो आईना अक्सर कहता रहता है 

क्योकि.....आईना कभी झूठ नहीं बोलता 

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