मंगलवार, 25 सितंबर 2018

इसको कोई नाम न दो...



तेरा मेरा रिश्ता है ये, 
इसको कोई  नाम न दो...|  

हर आहट  पर लगता तुम हो,
मेरी हर धड़कन में तुम हो ,
इंतज़ार में काट रही हूँ..... 
जीवन मेरे प्राण तुम्ही हो...| 

रिश्ते- नातो की शान तुम्ही हो  
बाकि सब कुछ कपास से भी हल्के है, 
इनमे क्या कुछ गहराई है 
नहीं -नहीं है बिलकुल उथले ..| 
 
निश्चित ही है बिलकुल मेरा                    
तुमसे प्रेम, सिर्फ निस्वार्थ प्रेम, 
नैन मूँद कर, तेरी छवि से 
पूछा करती  हूँ कुशल क्षेम ...| 
 
इस अनाम  सम्बन्ध को 
भला कोई संज्ञा क्या दोगे, 
प्रेम डोर में बंधे हुए हम 
क्या तुम इसको तोड़ सकोगे ....|  

जो कुछ है सब कुछ 
ऐसे ही रहने दो... 
कोई भी इल्जाम न दो, 
ये रिश्ता यूँ  ही रहने दो 
इसको कोई नाम न दो....|  

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