सोमवार, 5 जुलाई 2021

कुछ सुनहरी यादे.....




 

कई बार खयालो से

निकल कर जहन  में

आ बसती है कुछ सुनहरी यादे

बहुत याद आते है

बीते हुए  जिंदगी के वो सुनहरे

पल जो बिताये थे तेरे संग

वो  तेरी पहली मिलन की

आस वो दिल की धड़कन का

तेज तेज चलना

आँखों में ख़ुशी थी लेकिन

मन का घबराना

तुझे देखकर मेरा शरमाना

और मुझे देख कर तेरा

फुले ना सामना तेरा दौड़ कर

वो गले से लिपट जाना 

वो तेरी खुशबू से मेरा दामन

 भर जाना, जो आज भी बसी है

 मेरी सांसो में आज भी याद है वो हर

एक   पल जो  जिए थे तेरे संग

मेरे  कंधे पर रख कर सर

तुमने बिता दी थी पूरी शाम

कैसे खो गए थे हम दोनों

एक दूजे  के संग

वक्त गुजर रहा था

लेकिन थम गए थे हम

वो जो एहसास था तेरा

भुलने  से भी नहीं भूलता

यूँ मेरे जज्बात खोये थे तेरे संग

कभी कभी शब्द विहीन हो

जाती हूँ मैं अपनी यादों को

बया कैसे करूँ

वो सुनहरे पल जो भुलाये

नही जा सकते वो जिंदा है

आज भी मेरे अन्तर्मन में

और जिंदा रहेंगे मेरे अंतिम सांस तक

मेरे जिंदगी के कुछ अनमोल पल

 

 

 

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