शुक्रवार, 13 अगस्त 2021

Shayari

 

1-  चाँद को देखो बादल के आगोश 

में जाने को कितना बेकरार रहता है 

उसे पता है कि बादल दो पल के लिए है 

मगर वो उसी दो पल में जिंदगी जी लेता है ।

 

 

2- रात भर तेरी याद आती रही

दिन भी कुछ दिल को जलाता रहा ।

कभी हम दिल को समझाते  रहे

कभी दिल हमे समझाता  रहा ।

 

3- मैं और मेरी तन्हाई और इस तन्हाई में 

साथ हो सिर्फ तुम और  तुम्हारी  यादे ।

 

  

4- प्रेम बंधने का नाम नही है 

प्रेम स्वछंद है प्रेम उन्मुक्त है 

उड़ना है मुझे भी कुछ पल 

उन्मुक्त होकर स्वछंद आसमान में ।



 5- रिश्ता आकर्षण नही 

समर्पण का था फिर 

वक्त ने कैसे बदल दिया सब ।

 

6- प्रेम बंधने का नाम नही है 

प्रेम स्वछंद है प्रेम उन्मुक्त है 

उड़ना है मुझे भी कुछ पल 

उन्मुक्त होकर स्वछंद आसमान में ।

 7- ये इतवार भी कैसा आता है 

तुम बिन बिल्कुल फीका पड़ जाता है 

ना कोई सुकुन है ना कोई आराम 

बस सुबह से शाम यू ही बीत जाता है ।


8-सुबह खड़ी है चौखट पर 

रात को ठीक से रवाना कर दो 

 

चाय भी तैयार है तुम बस 

आने का बहाना कर दो ।

 

ये इतवार भी कैसा आता है 

तुम बिन बिल्कुल फीका पड़ जाता है 

ना कोई सुकुन है ना कोई आराम 

बस सुबह से शाम यू ही बीत जाता है ।

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