गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

सदैव तुम्हारी......


सदैव रहोगे मेरे 

यही कहा था ना तुमने 

साथ पूरा करोगे ये 

जीवन का सफर 

यही बोला था ना तुमने 

बन कर मेरी परछाई 

रहोगे संग

थाम कर हाथ चलोगे संग 

यही सोचा था ना तुमने 

लेकिन देखो वक्त 

कहा लेकर आया 

तुम मेरे होकर भी 

मेरे नही हो और 

मैं अभी तक सिर्फ 

तुम्हारी ही हूं

सदैव तुम्हारी ||

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