गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

अपनी चाय....

 

बाटी थी तुमसे जब 

अपनी चाय आधी 

बांट लिया था तब 

मैंने तुमसे अपनी 

आधी जिंदगी             

आधा गम 

आधी खुशी

आधा दर्द 

आधी हसीं 

सब कुछ बाँट लिया था 

आधा - आधा 

बांट लिया था 

तेरे आधे एहसास को 

तेरे आधे जज्बात को 

मगर पता नही था 

चले जाओगे तुम 

छोड़ कर मुझे 

आधा - अधूरा 

बिखर कर रह जाऊंगी मैं 

उस प्लेट में बिखरी चाय 

की तरह ।।

 

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें