गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

मुलाकात इतनी छोटी थी....

 





मुलाकात इतनी छोटी थी कि

दिल का दर्द बयां

 ना कर सकी 

कहने को बहुत कुछ था 

मगर जुबां भी 

खोल ना सकी 

क्या कहूं तेरे 

इस मुलाकात को 

पल भर की हसीन 

सौगात थी बस 

वक्त बिताना था तेरे साथ 

मगर लम्हा भी गुजार ना सकी 

एक नजर ही काफी 

थी तेरी मुझ पर 

जो बहुत कुछ कह गई 

की भर कर तुझे  देखने की 

चाहत मैं बता ना सकी 

समझ रहे थे 

तुम मेरी मजबूरी 

एक मैं सब कुछ 

समझ कर भी 

तुझको कुछ भी 

समझा ना सकी 

तुमसे दूर जाकर भी 

मैं  दूर जा न सकी ।।

 

 

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