शुक्रवार, 4 जून 2021

वो लम्हे ...


 




वो लम्हे 

 

भुलाये से भी भूल नही सकती 

मैं वो लम्हा 

जब नन्ही उंगलियों ने छुआ था मुझे

उसने छू लिया मेरे दिल को 

मेरे तन को मेरे अंतर्मन को 

एहसास कराया जब  उसने अपने 

वजूद को मेरे माँ बन जाने को 

मौजूद तो था वो कबसे मेरे अंदर 

मगर बाहर आकर मेरी दुनिया ही बदल दी 

वो नन्ही से छुअन आज भी मेरे दिल को 

वही ले जाती है आज भी मन प्रफ्फुलित 

हो उठता है उस पल को सोच कर 

वो मेरी जान है मेरी शान है 

मेरे बच्चे तुझपर मेरा सब कुछ कुर्बान है ।

 

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