शुक्रवार, 4 जून 2021

तुम न आये


 

दिन बीत गया 

देखती रही मैं 

राह  तुम्हारी 

और  तुम न आये 

शाम चौखट को छू गयी 

हवाओ के साथ 

भीनी खुशबू यादो की 

चली आयी 

और तुम न आये 

बिछी रही तुम्हारी 

राहो में निगाहे 

देखती रही रास्ता 

और तुम न आये 

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