मंगलवार, 29 सितंबर 2015

अरमानों की महफ़िल ........

अरमानों की महफ़िल मे
कभी आकर तो देखो,
सपना उसमे कोई सजाकर देखो।
उसका प्यार  दिल मे बसाकर देखो।
जिदंगी बहार बन जाएगी,
जरा करीब उसकेआकर तो देखो।


सासो मे बन कर संगीत ,
बस जाएगा वो,
गीत कोई उसके गाकर तो देखो।
फूलो से महक उठेगी,
जीवन की बगिया ,
जीवन मे उसके फूल खिलाकर देखो।
जरा करीब उसके आकर तो देखो।



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