शनिवार, 5 सितंबर 2015

तुम्हारी यादें ....गुलाब की फूलो ....

गुलाब की फूलों सी तुम्हारी यादें ...
ऐसा फूल जो सूखने के बाद भी बिखेरता है खुशबू...और एक फूल
किसी के प्यार........... की निशानी बनकर
पड़ा रहता है बंद किताबों में...........
गुलाब के फूलो सी तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादो की खुशबू बिखरी है
हर तरफ.....इसलिए मैंने तुम्हारी यादो को बंद कर लिया है अपने दिल की किताब में ......
सजो लिया है अपने मन के पन्नों मे ... क्योकि गुलाब के फूलो सी है तुम्हारी यादें .........
मैं उन पन्नों को रोज़ पलटती हूँ तो
तुम्हारे प्यार की खुशबू से भर जाता है मेरा ये तन और मन और खिल उठते है फिर से तुम्हारी मुहब्बत के कई गुलाब,
बहार आ जाती है फिर से मेरे ख्यालों के बाग मे ......
क्योकि मैंने सजा रखे हैं मन मे
कुछ तुम्हारी यादों के गुलाब ..........
क्योकि गुलाब के फूलो सी है तुम्हारी यादें ......।।।

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